Friday 7 February 2020

What is Homeopathy ? होम्योपैथिक क्या है ?

What is Homeopathy ? होम्योपैथिक क्या है ?


होम्योपैथी का प्रारंभ जर्मनी के एक मशहूर डॉक्टर  हैनीमैन ने किया था। होम्योपैथी एक ऐसी चिकित्सा विज्ञान है। जिसमें अस्वस्थ व्यक्ति का इलाज ऐसी दवाओं द्वारा किया जाता है। जिनका औषधि प्रशिक्षण स्वस्थ व्यक्तियों पर किया जा चुका हो और स्वस्थ व्यक्ति के समस्त विकृत लक्षण को पहचान लेने के बाद ऐसी दवा दी जाती है जो कि स्वास्थ्य व्यक्तियों में उसी प्रकार के लक्षण पैदा करने में सक्षम हो। अतः यह चिकित्सा पद्धति निरापद एवं अकाट्य है।


 होम्योपैथी प्राकृतिक के मूल सिद्धांत 'समः समं शमयती' पर आधारित है। लैटिन भाषा में इस सिद्धांत को  सिमिलिया सिमिलिबस क्यूरेन्टरयूर  कहते हैं आम व्यक्ति से 'विषस्य विषैध्म' नाम से जानता है  जिसका अर्थ है जहर ही जहर की दवा हैं।

 जब तक हमारी जीवनी शक्ति मन एवं इंद्रियां जिनका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है और जिन्हें मात्र हम व्यक्ति समझ सकते हैं हमारे भौतिक शरीर में रहते हैं तभी तक हम जीवित रहते हैं। किन  शक्तियों को जिनको हम सूक्ष्म शरीर के नाम से भी पुकारते हैं कौशिक शरीर से निकलते ही हमारा अस्तित्व खत्म हो जाता है जिसे हम मृत्यु के नाम से जानते हैं।

किसी भी व्यक्ति विशेष में हर प्रकार की प्राकृतिक बीमारियां जो की जीवनी शक्ति को असंतुलित होने के कारण उत्पन्न होती है उन्हें सिर्फ किसी ऐसी औषधि के द्वारा ही समाप्त किया जा सकता है जो औषधि प्रशिक्षण के दौरान स्वस्थ शरीर में उसी तरह के लक्षण एवं समुदाय पैदा कर मैं सक्षम हो।

इस सच को समझने के लिए हम यहां पर प्रकृति के सर्वव्यापक रोगमुक्त सिद्धांत समः समं शमयती (Similar Similibus Curentur) का हिंदी रूपांतरण दे रहे हैं।

 एक जीवित शरीर में एक कमजोर गतिज रोग अपने ही शक्तिशाली गतिज रोग के द्वारा हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है बशर्ते यह शक्तिशाली गतिज  रोग अपना  अभिव्यक्ति में कमजोर गतिज लोग के बहुत ही समान हो परंतु भिन्न-भिन्न प्रकार का हो।

होम्योपैथी इस रोग मुक्ति के सिद्धांत के अनुसार किसी औषधि को लेने से स्वस्थ व्यक्ति में जो लक्षण उत्पन्न होते हैं उसे कराकर लक्षण और उपाय जाए तो वहीं औषधि लक्षणों को समाप्त करके शरीर को फिर से स्वस्थ कर देती है। उदाहरण के तौर पर जब कोई स्वास्थ्य व्यक्ति भांग खा लेता है तो उसे मानसिक भ्रम हो जाता है। 1 मिनट 1 घंटे के बराबर लगने लगता है पास की चीजें मीलों दूर नजर आती है हंसना शुरू करता है तो हंसता ही जाता है बोलना शुरू करता है तो बोलता ही जाता है। अपने आप को किसी राजा महाराजा से कम नहीं समझता। काम उत्तेजना आ जाती है पेशाब में जलन हो पेशाब बहुत खराब लगता है बूंद बूंद कराने लगता है सिर में दर्द हो जाता है। होम्योपैथिक के रोग मुक्ति के सिद्धांत के अनुसार अगर किसी और स्वस्थ व्यक्ति चाहे वह किसी भी बीमारी का शिकार हो ( अंग्रेजी चिकित्सा पद्धति के वर्गीकरण के अनुसार चाहे वह सुजाक से ग्रसित हो या अन्य किसी रोग से) मैं यह लक्षण पाए जाए तो भांग से बनी शक्ति कृत होम्योपैथिक औषधि कैनाबिस इंडिका इन लक्षणों को समाप्त कर उस योगी की जीवनी शक्ति को संतुलित कर उसे फिर से स्पष्ट कर देती है।

इस तरह से होम्योपैथी में लक्षणों के आधार पर स्वस्थ व्यक्ति का इलाज किया जाता है। अंग्रेजी पद्धति की तरह रोक के नाम का अधिक महत्व नहीं है। औषधि के सेटिंग लक्षण जानने के लिए स्वस्थ व्यक्ति पर औषधि प्रशिक्षण की जाती है जिससे औषधि प्रशिक्षण कहते हैं। इस तरह से हम निम्न  निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि:


1.  होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति प्रकृति के रोग मुक्ति सिद्धांत पर आधारित है।
2. औषधियां बनावट बीमारी उत्पन्न करने में सक्षम है।
3. किसी औषधि के पूरण लक्षण जानने के लिए उसका औषधि प्रशिक्षण स्वस्थ व्यक्ति पर किया जाता है।
4. किसी भी ऑस्वास व्यक्ति का इलाज करने के लिए कोई ऐसी औषधि जो कि उसको अस्वस्थ व्यक्ति के समस्त विकृति लक्षणों के ही समान लक्षणों वाली हो दी जाती है।

औषधि प्रशिक्षण का फल स्वरुप स्वास्थ्य व्यक्तियों में उत्पन्न होने वाली मानसिक व शारीरिक लक्षणों को हम होम्योपैथी मैटेरिया मेडिका में संग्रह करते हैं। इस पुस्तक में हम मटेरिया मेडिका से अपने अनुभव के आधार पर औषधि के मुख्य लक्षण चिकित्सा जगत में प्रचारित रोगों के वर्गीकरण के अनुसार देते हैं।


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