अब सवाल उठात है कि प्रतिदिन की साधारण व जटील बीमारियों में होम्योपैथी ही क्यों ?
हम सभी जानते है कि अशक्तिकृत औषधियों रोग की दबाकर हमारी रोग प्रतिरोधक शक्ति को कम करती है और बीमारी को किसी और रूप में बढ़ावा देती है और हमारी जीवनी शक्ति को और असन्तुलित बनाती है।
अब प्रशन उठता है कि औषधि का असली चेहरा व कार्य प्रकृति को रोग मुक्ति के मूल सिद्धांत के अंतर्गत जीवनी शक्ति को संतुलित करना है। रोगी को उसके जीवनी शक्ति ही स्वस्थ रखने में मदद करता है।
अतः जीवनी शक्ति का सन्तुलित रहना अत्यावश्यक है। हमे हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि होम्योपैथी औषधि का कार्य जीवनी शक्ति को फिर से संतुलित कर शरीर को स्वस्थ करने में मदद करना है।
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