गलत औषधीय दिए जाने से यदि उसका असर खराब हो जाए तो उसके असर कैसे दूर करें हर होम्योपैथी डॉक्टर के लिए यह एक पेचीदा सवाल है। होम्योपैथिक चिकित्सा में औषधियों के पारस्परिक रिश्ते का ज्ञान होना अति आवश्यक है। डॉक्टर आर सी मिलर की पुस्तिका जो की बोरीके मटेरिया मेडिका के साथ भी प्रकाशित होती है। इस विषय पर एक अच्छी पुस्तक है इसका प्रतिकूल प्रभाव हो जाए तो उसे इस बुरे असर को कम या समाप्त करना हो तो हमेशा ध्यान रखें कि औषधि के लेने से रोगी में जो नए लछण हैं उनके आधार पर ही नहीं दी जानी चाहिए और ध्यान रखें कि कहीं दी जाने वाली औषधि का पहले ली गई औषधि के साथ दुश्मनी का रिश्ता तो नहीं है। ऐसी औषधियां एक दूसरे के आगे पीछे कभी नहीं देनी चाहिए थी।
होम्योपैथी में इलाज हमेशा दोगी का होता है और सदिया भी रोगी को ही दी जाती है ।
अतः किसी भी औषधि का प्रतिकूल प्रभाव होने पर आंख बंद करके उस औषधि का फरवाही औषधि सिर्फ पुस्तक देखकर ना दे। हमेशा ध्यान रखें कि ना तो हम रोग के लिए और ना ही औषधि के लिए कोई औषधि देते हैं। हमेशा रोगी के लिए होता है जिसका आधार रोगी की निजी लक्षण है।
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